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नोनिया ऐप के बारे में जानकारी

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नोनिया ऐप अब क्या कर रहा है और भविष्य में नोनिया ऐप क्या करेगा। 1. एक स्थान पर अधिकांश नोनिया लोगों को जोड़ने के लिए। 2. नोनिया समुदाय के लोगों के लिए सहायता और रोजगार पैदा करना। 3. चिकित्सा में नोनिया समुदाय के लोगों की सहायता के लिए Pannel विकसित करना। 4. नए नोनिया के प्रतिभाशाली और ऊर्जावान युवा टीम "टीम नोनिया" को विकसित करने के लिए। 5. आसानी से विज्ञापन पोस्ट करें और वैवाहिक सहायता प्राप्त करें। 6. दैनिक नोनिया समाचार और घटनाएँ। 7. नोनिया संगठनों के बारे में जानकारीl नोनिया ऐप नोनिया लोगों के लिए क्या कर रहा है? 1. यदि आप मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं तो कृपया नोनिया एप डाउनलोड करें क्योंकि हम नोनिया समुदाय को डिजिटल बना रहे हैं। 2. यदि आप वास्तव में किसी भी क्षेत्र में अपनी क्षमता दिखाना चाहते हैं, तो नोनिया ऐप आपके लिए सही जगह है। नौकरी, व्यवसाय, सामाजिक हित आदि किसी भी मदद के लिए हमसे बात करें। 3. यदि आप छात्र हैं तो नोनिया ऐप छात्रवृत्ति योजना शुरू कर रहा है, तो कृपया हमें बताएं कि आपको क्या चाहिए। 4. अगर आप लेखक हैं तो नॉनिया ऐप के लिए लिखें और...

नोनिया समाज(नोनिया, बिन्द, बेलदार) के अग्रणी समाजसेवियों, बुद्धिजिवियों, शुभचिंतकों.....

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परम् आदरणीय... नोनिया समाज(नोनिया, बिन्द, बेलदार) के अग्रणी समाजसेवियों, बुद्धिजिवियों, शुभचिंतकों..... आपको सूचित करते हुये अति प्रसन्नता हो रही है कि "बुद्धु नोनिया नमक सत्याग्रह मेमोरियल ट्रस्ट" दारोगा राय पथ, पटना में भवन के पास मिट्टी भराने का कार्य श्री हरे राम महतो के नेतृत्व में पुनः जारी है। आप सभी समाज(नोनिया, बिन्द, बेलदार) के अग्रणी समाजसेवियों, बुद्धिजिवियों, शुभचिंतकों से मेरा करबद्ध प्रार्थना है कि ऐसे पुनीत् कार्य में चढ़ बढ़ कर हिस्सा लें।  इस कार्य को सफल बनाने हेतू कल दिनांक 10.11.2019 को दोपहर 1.00 बजे "बुद्धु नोनिया नमक सत्याग्रह मेमोरियल ट्रस्ट" भवन दारोगा राय पथ, पटना में आकस्मिक बैठक रखी गयी है।    आप सभी से प्रार्थना है कि आज की इस बैठक में चढ़ बढ़ कर हिस्सा लें ताकि राजधानी पटना में समाज को बैठने, सोने व समाज के बच्चों को पढ़ने लिखने हैेतू भवन की व्यवस्था हो सके।             

नोनिया समाज के लिए मृत्यु भोज एक अभिशाप

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कल रामपुर तिलक,जिला- पूर्णीया, बिहार में रामजी बाबू के याद और सम्मान में आयोजित श्रृद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए इस सभा की अध्यक्षता कर रहे श्री कृष्ण कुमार भारती, महासचिव, राष्ट्रीय नोनिया महासंघ,नई दिल्ली ने कहा की ग़रीब नोनिया समाज में मृत्यु भोज एक अभिशाप है। रामजी बाबू मुझे फोन पर और एक बार उनसे मिलने पर बार - बार और हमेशा यही कहते रहते थे कि कृष्ण जी काश मैं स्वस्थ्य होता तो आपका बहुत साथ देता परन्तु मैं बीमारी की वजह से ऐसा करने में सक्षम नहीं हूं फिर भी  हिम्मत कर के कुछ करने की कोशिश करता हूं । रामजी बाबू मुझे बार बार और हमेशा यही रट लगाते थे कि कृष्ण कुमार जी इस उम्र और बीमारी में मेरी जिन्दगी का कोई ठिकाना नहीं है कब दुनियां से चला जाऊं कुछ पता नहीं मेरी हार्दिक इच्छा है कि आप दिल्ली से आकर समय देने का कष्ट करें तो आप जैसे समाजिक व्यक्ति का अपने क्षेत्र में एक कार्यक्रम लगाऊ और अब तो सच पुछिए तो मेरी यही अंतिम इच्छा है - कृष्ण कुमार।  बन्धुओं इसी का परिणाम यह था रामपुर तिलक में मेरे मुख्य अतिथि वाला कार्यक्रम,बस यूं समझिए की इस उम्र के सामाजिक व्यतित...

श्रद्धांजलि सभा में नमक आंखों से याद किए गए रामजी बाबू

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आज स्वर्गीय रामजी बाबू का उनके निवास स्थान ग्राम - रामपुर तिलक में उनके मृत्यु उपरांत एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन श्री कृष्ण कुमार भारती - संस्थापक एवं प्रधान महासचिव राष्ट्रीय नोनिया महासंघ, नई दिल्ली की अध्यक्षता में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ । इस श्रद्धांजलि सभा में देश के कई राज्यों और बिहार के कई जिलों से समाजिक और बुद्धिजिवि लोग शामिल होने के लिए पहुंचे थे । इस श्रद्धांजलि सभा में नोनिया समाज के लोगों ने मृत्यु के बाद किये जाने वाले काफी खर्चीला मृत्यु भोज को लेकर आपसी विचार-विमर्श भी किया । इस श्रद्धांजलि सभा में दिल्ली से आये भारतीय लवणकार समुदाय और नोनिया समाज के राष्ट्रीय नेता श्री कृष्ण कुमार भारती ने अपने संबोधन में कहा कि देश के गरीब समाजों में मृत्यु भोज का आयोजन एक बहुत बड़ा अभिशाप है जिससे बाहर निकलना बहुत जरूरी है और गरीब नोनिया समाज को इसके आयोजन से बचने की जरूरत है । इस श्रद्धांजलि सभा के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त प्रोo एन.के. हिप्परकर जी थे जो महाराष्ट्र से आते थे। श्रद्धांजलि सभा के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त प्रोo एन के हिप्परकर भारतीय लवणकार समुदाय के देश में...

नर सेवा ही नारायण सेवा है

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*नीचा अंदर नीच जात* *नीची हूं अति नीच* *नानक तिनके संग साथ* *बड़ियों से क्या रिस*  *आज मुझे बिहार के कोशी बेल्ट / क्षेत्र के ग्राम- झखारगढ़,पोo+थाना - छतापुर,जिला-सुपौल के अपने समाज के विधवाओं और विक्लांग पुरूष/महिलाओ को आने वाली सर्दी से बचाव के लिए प्रत्येक साल की भांति इस साल भी अपने स्वएं के खर्चे से कम्बल वितरण करने का सौभाग्य मिला । मैं इन सबका हिर्दय से आभारी हूं कि इन्होंने मुझे अपनी सेवा का सुअवसर दिया।* *कृष्ण कुमार*  *संस्थापक एवं प्रधान महासचिव राष्ट्रीय नोनिया महासंघ,नई दिल्ली।* *नर सेवा ही नरायण सेवा है*

आस्ट्रेलिया में भी नूनगर जाति (Saltmakers Caste)

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आस्ट्रेलिया के पश्चिमी भाग के दक्षिण पश्चिम आस्ट्रेलिया में नूनगर (Saltmakers Caste) समुदाय के लोग पाये जाते हैं जो आस्ट्रेलिया की सबसे पुरानी आदिवासी जातियों में एक  है । सन् 2016 के जनगणना के अनुसार आस्ट्रेलिया में नूनगर जाति की इन कूल आबादी 45000 हजार है।आस्ट्रेलिया के नूनगर जाति के पास आस्ट्रेलिया के कुल ज़मीन Land का 25% हिस्सा इनके पास ही है। इनके इलाके से ही एक नमकीन पानी की नदी " मोरे " नदी बहती है जिसके किनारे ये लोग ज्यादा आबादी में रहते हैं/थे।  आज से कुछ वर्ष पहले आस्ट्रेलियन सरकार यहां के नूनगर जाति को इनके वास भूमि से हटाना चाहती तो इन लोगों ने बहुत विरोध किया और संयुक्त राष्ट्र संघ तक में अपिल की जहां संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इन्हें यह माना कि ये लोग हजारों साल से यही रहते हैं जब आस्ट्रेलिया में ना कोई सरकार बनी थी और ना ही यह यूरोपीयों का उपनिवेश ही बना था,इसलिए इन्हें अपनी धरती से कोई बेदखल नहीं कर सकता क्योंकि आस्ट्रेलिया के सरकार का बेदखली का कानून काफी बाद में बना है जब कि यहां नूनगर जाति काफी पहले से  रहती है। यह  आस्ट्रेलिया के एक श...

*नोनिया विद्रोह सन् 1770-1800 की पृष्ठभूमि*नमक, नोनिया (लवणकार)और ब्रिटिश सरकार

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नमक, नोनिया (लवणकार)और ब्रिटिश सरकार                               नोनिया जाति नमक,खाड़ी और शोरा के खोजकर्ता और निर्माता जाति है जो किसी काल खंड में नमक बना कर देश ही नहीं दुनियां को अपना नमक खिलाने का काम करती थी। तोप और बंदूक के आविष्कार के शुरूआती दिनों में इनके द्वारा बनाये जानेवाले एक विस्फोटक पदार्थ शोरा के बल पर  ही दुनियां में शासन करना संभव था। पहले भारतवर्ष में नमक, खाड़ी और शोरा के कुटिर उद्योग पर नोनिया समाज का ही एकाधिकार था, क्योंकि इसको बनाने की विधि इन्हें ही पता था कि रेह (नमकीन मिट्टी) से यह तीनों पदार्थ कैसे बनेगा, इसलिए प्राचीन काल में नमक बनाने वाली नोनिया जाति इस देश की आर्थिक तौर पर सबसे सम्पन्न जाति हुआ करती थी। इनके एक उत्पाद शोरा को अंग्रेज सफेद सोना (White Gold) भी कहते थे और यह उस काल में बहुत बेसकिमती था। भारत के कुछ हिस्सों पर अपना अधिकार जमाने के बाद अंग्रेज सन् 1620 में पटना में अपना व्यवसायिक और वयापारिक केन्द्र खोलने का पहला प्रयास किया परन्तु उन्हें सन् 165...