नोनिया समाज के लिए मृत्यु भोज एक अभिशाप



कल रामपुर तिलक,जिला- पूर्णीया, बिहार में रामजी बाबू के याद और सम्मान में आयोजित श्रृद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए इस सभा की अध्यक्षता कर रहे श्री कृष्ण कुमार भारती, महासचिव, राष्ट्रीय नोनिया महासंघ,नई दिल्ली ने कहा की ग़रीब नोनिया समाज में मृत्यु भोज एक अभिशाप है। रामजी बाबू मुझे फोन पर और एक बार उनसे मिलने पर बार - बार और हमेशा यही कहते रहते थे कि कृष्ण जी काश मैं स्वस्थ्य होता तो आपका बहुत साथ देता परन्तु मैं बीमारी की वजह से ऐसा करने में सक्षम नहीं हूं फिर भी  हिम्मत कर के कुछ करने की कोशिश करता हूं । रामजी बाबू मुझे बार बार और हमेशा यही रट लगाते थे कि कृष्ण कुमार जी इस उम्र और बीमारी में मेरी जिन्दगी का कोई ठिकाना नहीं है कब दुनियां से चला जाऊं कुछ पता नहीं मेरी हार्दिक इच्छा है कि आप दिल्ली से आकर समय देने का कष्ट करें तो आप जैसे समाजिक व्यक्ति का अपने क्षेत्र में एक कार्यक्रम लगाऊ और अब तो सच पुछिए तो मेरी यही अंतिम इच्छा है - कृष्ण कुमार। 

बन्धुओं इसी का परिणाम यह था रामपुर तिलक में मेरे मुख्य अतिथि वाला कार्यक्रम,बस यूं समझिए की इस उम्र के सामाजिक व्यतित्व की अंतिम इच्छा पूरा करना मैं आपना धर्म और कर्तव्य समझा- कृष्ण कुमार भारती।

कल रामपुर तिलक, पूर्णिया, बिहार में यहां के नोनिया समाज के एक अविभावक और सामाजसेवी स्वर्गीय रामजी बाबू की श्रद्धांजलि सभा में अपने समाज के कई संतों ने भी उपस्थित दर्ज कराई और रामजी बाबू और समाज के विकास पर अपना-अपना विचार रखे जिसमें श्री महेन्द्र सिंह, अररिया,श्री रामबिलास सिंह, सुपौल और हेमन्त बाबा, पूर्णिया प्रमुख हैं।कल के इस कार्यक्रम में श्री गया नंद सिंह,अररिया ने अपने संबोधन के दौरान कहां कि कृष्ण कुमार भारती नोनिया समाज को कुछ देने के लिए नोनिया वंश में पैदा हुए हैं और इनके जैसे महापुरुष किसी समाज में बड़ी मुश्किल से बरसों बाद पैदा होता हैं, तब जाकर उस गरीब समाज का उद्धार होता है, इसलिए नोनिया समाज को कृष्ण कुमार के मिशन और उद्देश्य को समझने की जरूरत है और इनका साथ देने की आवश्यकता है तभी जाकर नोनिया समाज का भला होगा। कल के श्रद्धांजलि सभा में नोनिया समाज के समाजसेवी स्वर्गीय रामजी बाबू की मुर्ति उनके पैतृक गांव में भविष्य में लगाने पर भी बात हुई। 
स्वर्गीय रामजी बाबू के बारे में जो कल कुछ बातें उनके करिबी लोगों ने अपने संबोधन में कहा ओ निम्नलिखित हैं :-

रामजी बाबू रामपुर तिलक के किसी गरीब और लाचार की मदद करने में हमेशा तत्पर रहते थे और जब किसी गरीब के पास बीमारी की हालत में इलाज कराने के लिए पैसा नहीं होता था तो ओ चंदा गांव में लोगों से लेने के लिए पहल करते और कुछ लोग गांव में चंदा उगाही करते जिस पैसे से उस गरीब का इलाज कराते थे, इसके पीछे रामजी बाबू का मक़सद होता था कि किसी गरीब की बीमारी में उसका अचल सम्पत्ति जमीन को बेचे जाने से बचाना - सदानंद महतो, रामपुर तिलक

रामजी बाबू को किसी एक जाति की परिधि में बांधना उनके साथ बहुत बड़ा अन्याय करना होगा क्योंकि रामजी बाबू  किसी एक जाति के नहीं थे ओ तो एक महान सकशियत थे और वो जाति का बंधन कब का तोड़ चुके थे, मैं ऐसे महान समाजसेवी को कोटि कोटि नमन करते हुए अपने पूरे दैनिक जागरण परिवार की ओर से मैं उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं और इस तरह के समाजिक व्यक्ति के लिए उनके मृत्यु उपरांत श्रृद्धांजलि सभा के आयोजन करने हेतु दिल्ली से रामपुर तिलक आकर इस आयोजन को अंजाम देने के लिए राष्ट्रीय नोनिया महासंघ के प्रधान महासचिव कृष्ण कुमार भारती जी को कोटि कोटि धन्यवाद देता हूं - श्री सूर्य नारायण चौधरी,दैनिक जागरण रिपोर्टर।

रामजी बाबू अपने इलाके के 10वीं और 12 वीं के परीक्षा के बाद परीक्षा का परिणाम जानने के लिए बड़ी उत्सु रहते थे और वो परिणाम आने का इंतजार करते रहते थे और छात्रों से पुछते रहते थे और जैसे परिणाम आता था तो परिणाम में उनके क्षेत्र में जो छात्र / छात्रा सर्वाधिक अंक लाने वाले होते थे स्पेशल उनके घर जाते थे और उन्हें तथा उनके माता पिता को धन्यवाद ज्ञापित करते थे,जब रामजी बाबू को यह पता चलता था कि इस वर्ष छात्रों से ज्यादा छात्राओं ने बेहतर परीणाम लाया है और छात्रों से अधिक छात्राएं उत्तीर्ण रहीं हैं तो रामजी बाबू का खुशी का अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल होता था । रामजी बाबू फिर सबको बोलते थे कि एक लड़का शिक्षित होता है तो एक आदमी शिक्षित होता है परन्तु एक लड़की शिक्षित होती है तो एक परिवार शिक्षित होता है,इस बात से ही यह पता चल जाना चाहिए कि रामजी बाबू का शिक्षा के प्रति कितना लगाव था और शिक्षा के ऊपर उनकी कितनी बेहतरीन सोच थी- श्री राजा कुमार महतो,रामपुर तिलक

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