नोनिया का इतिहास - ब्रिटिश शासन के दौरान



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ईतिहास मंथन से निकला नवनित...."चौहान" शब्द की उत्पत्ति,व्युत्पत्ति,शब्दार्थ एवम भेदार्थ....साभार
आझादी के बाद नई सामाजिक व्यवस्था और आजके बदलते परिवेश मे कुछ क्षेत्रों को छोड़कर सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक रुपसे दूसरे क्षत्रियो से पिछडे "चौहान" नामसे जानेजान वाले क्षत्रिय समूह मे वैचारिक अंधकार की स्थिति है।
अपने-अपने तरीकोंसे इस समाज के उथ्थान के इच्छुक कर्मठ एवम मौकापरस्त दोनो प्रकार के नेता समाज को संगठित करनेके प्रयास मे लगे है। इस कारण चौहान समाज "धुतराष्ट्र" की तरह उचित निर्णय लेनेमे कठिनाई का अनुभव कर रहा है। क्या कारण और परिस्थितियाँ थी मौजूदा हालत के लिय जिम्मेदार ? चलो संक्षिप्त रुपसे देखते है।
1) चौहान समुदाय के अधिकतर लोग अपने पूर्वजों के गौरवशाली इतिहास से ठोसरूपसे अनजान है। एकमात्र "पृथ्वीराज चौहान" से अपने आपको जोड़कर देखते है। जबकी ईस बहादुर और देशभक्ति से भरेे क्षत्रियोने 800 से 1192 के काल मे देश को मुस्लिम आक्रमण से बचाने के लिए अपने और दुश्मनो के रक्तसे युध्घ-भुमि को लाल कर दीया। पर इस्लाम को भारत मे प्रवेश करनेसे रोके रखा।
2) यह बात से अनभिज्ञ है की ऐतिहासिक परिस्थितियों के कारण कभी उत्तर-पश्चिमी भारत के शासक रहे एवम अजमेर के राजा सोमेश्वर चौहान की अजेय सेना का हिस्सा रहे 13-14 राजवंशो के क्षत्रिय जिसमे सभी अग्निवंशी.चंन्द्रवंशी,नागवंशी एवम कुछ सुर्यवंशी एवम लडाकु आदीवासी क्षत्रिय जातियाँ सामिल थी।
महान चौहान सेनानायक "विग्रहराज चतुर्थ" तथा बादमे महान सम्राट "पृथ्वीराज चौहान" के नेतृत्व मे इस राजपूत समूह ने तकरीबन सारे उतर-पश्चिमी क्षेत्रीय राजवंशो पर विजय पाई।इस प्रक्रिया मे कुछ मित्र बने पर ज्यादातर दुश्मन।
3) 1192 मे मुस्लिम आक्रमण कारियो से तराइन के युध्घमे पृथ्वीराज चौहान की पराजय तक ये 13-14 वंशो के क्षत्रिय लगातार युध्घ करते रहे और संख्या बलम क्षीण होते रहे। जिसकारण वे अपना क्षेत्रीय राजकीय आधार स्थापित करने मे असफल रहे।
4) 1193 के बाद और औरंगजेब के शासन काल तक ईनको जडमूडसे मिटाने के अवरित प्रयास चलते रहे। ये स्वाभिमानी पर कमनशीब क्षत्रिय समुह अपने अस्तित्व की लडाइ लडते रहे। ईन्हे उस विपत्तिकाल मे स्थानीय क्षेत्रीय राजपुतो का तनिक भी सहकार नही मिला,जो स्वाभाविक था।
5) अपनी अस्मिता एवम रक्त की शुद्धता को बचान का एक ही उपाय था। 13-14 वंशो के तकरीबन 98 शाखाओं के क्षत्रिय एकजुट हुए। कमजोर मालि हालत एवम स्थानीय क्षत्रियो दवारा भेदभाव को कारण उन्होंने नया सामाजिक ढाँचा विकसित किया। चूँकि वे भिन्न-भिन्न राजवंशो के होनेके कारण रक्त की शुद्धता का हल निकल गया।
6) क्षेत्रीय आधार एवम सत्ता के अभाव मे "चौहान" समुह के क्षत्रिय मजबूत सामाजिक संगठन तथा लडाकु प्रकृति के बलबूते पर अपना अस्तित्व बचाने मे सफल रहे।
7) अंग्रेजी शासन कालमे चौहान क्षत्रिय नमक बनाने के,तथा रोड-रास्ते,नहरे बनाने के ठेके लेकर और मजदूरों से काम करवाते थे। 1931-38 की जनगणना से पूर्व उनके पाँस नील,नमक,शोरा बनाने के ही सिर्फ 5 लाख परमिट थे। चौहान राजपूत तब ठेकेदार,उत्पादक और व्यापारी की भूमिका मे थे। वे मूलत: ऱाजस्थान मरुभूमि के "लोनी","सांभर" और "ओशिया" जैसे नमक क्षेत्रों के मूल निवासी और शासक थे।तब वे सुखी और संपन्न थे।
8) तभी दो ऐतिहासिक घटनाएँ घटी।
1..अंग्रेज सरकारने नमक बनानेके 5 लाख परवाने रद कर दीए। जिसके कारण चौहान क्षत्रियो ने कडा विरोध किया। पर एक न चली और खाने को मोहताज हो गए।मजबूरन दूसरे जमीदारो,बडे किशानो और ठेकेदारों के यहाँ मजदूरी करने को बाध्य होना पडा। कडी धूपमे मजदूरी एवम पोषक आहार की कमी के कारण ये दुर्भागी क्षत्रिय समूह कमजोर और श्यामवर्ण होता गया।
2.. दूसरी धटना 1931-38 की जनगणना मे ईन्हे मुल निवासी क्षेत्र के आधार पर "लोनियाँ- चौहान" दर्ज किया गया।
10) अंग्रेजी शासन मे चौहान राजपूतो मे मुख्य चार श्रेणीयाँ थी।
1,ऱाजस्थान,मालवा,म.प्र,पश्चिमी उ.प्र. बूँदी,भदावर,मैनपुरी,इटावा,रायबरेली,पुराने प्रतापगढ़ क्षेत्र और किन्ही क्षेत्रों के राजा,जमीदार,जिलादार, तालुकदार या संगठित बच्छगोत्री, वत्स एवम राजकुमार चौहान..
2..मुल ऱाजस्थान के लोनी,सांभर और ओशिया जैसे नमक क्षेत्रों के पूर्व शासक सांभरी,सोनीगरा,देवडा, खिंची,मोहिल.आदी शाखाओं के "लोनियाँ - चौहान" के नामसे जानेजाने वाले चौहान राजपूत.
3..नोनिया,खारोला,ऩोनहार आदी निचले तबके के मजदूर क्षत्रिय.
4..नमक बनानेके व्यवसाय से जुडी स्थानीय पीछडी जातियों जो भी आज चौहान लगाकर क्षत्रीय बनने का प्रयास कप रही जातिया।
उपरोक्त स्थिति एवं भ्रांतियो के कारण "चौहान" क्षत्रियो के स्वीकार करनेसे बाकी स्थापित राजपूत कतरा रहे है।
पढ़े समझे एवम शेयर करे।

nuniya nunia nonia bind beldar chauhan awadhiya kharwat वक्षगोत्री मगहिया छोकर कश्यप agriya अवधिया खरवट वक्ष - सभी को धन्यवाद

Comments

  1. To ham Kya karee ham Rajput hai

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  2. Kya sabhi chouhan nuniya hai. Nuniya ke itihas kya hai. Kitne prsent hai

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    1. What about status in Haryana State?

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    2. Nahi Chauhan Rajput hai🚩
      Loniya Chauhan hai
      Noniya nahi 🙏

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    3. Abe bhosadi walo wo chauhan rajputo me hote hai.. jo rajput ya thakur kahlewate hai noniya nahi..tum sab musahar jati ke bhai ho.. prithviraj ya to thakur rajput the ya gurjar rajput..nuniyawa nahi the..kisi bhi ved puran me tum sab nahi ho..kyo rajputo ko apana bap bana rahe ho

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    4. Namak ka khoj kiya tha eshliye nonia Name angrejo ne diya Ease pahle lonia ke name se janejate the Saiyad app ke ghar mai ram ka janam din manate hai ki nahi lekin hum lonia/nonia Mandal Ramnamvi aj bhee manate hai eshliye( love vans lonia Mandal) aour kush ka vans kurmi ;
      Angrej kishne bhgaya tha itihas utha ke dekhlena

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  3. Chauhan Nonia, Bihar
    चौहान नोनिया के बारे में और भी जानकारी दे / Please Sir, Thank you...

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    1. Tum sab musahar jati ke ho yahi jankari hai..koe bhi jat tumlog ko Rajput nahi manati kyo apane muh rajput banate ho.aur na hi koe jat prithviraj ko nuniya manti hai..sabhi janate hai ki prithviraj jo chauhan the wo thakuru me aate hai.. musahar nuniya men nahi..

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    2. Tum Rajput log ka ye haal tha
      Ki Jo v insan pesa Wala ya famous hota that uske Yaha apni maa behen beti chudwane ke liye bhejkr apna rishta bana lete ho .Yahi tumhara itihas hai.

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    3. We chutya jube angrej India par sasan kiya tha to tum sabe kaha The be hum lonia se nonia name angrejo ne diya tha kayo ki namak ka avishkar lonia samaj ne hi kiya tha na ki tume aour angrej ko bhagane mai hume nonia samaj hee angrejo ko khader ke bhagaya hu na ki tum bew salo angrej jube sasan kiya tha to tum sabe kaha gaye the bew hum lonia samaj ke sath hota to bharat aaj bhee sone ki chirya hota kaha chipa tha be salo

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    4. Teri Maa ki chut bhen ke lode tujhe jyada pta h Hamare itihaas ke baare me jb hare Purvaj Bhai angrejo or musalmano ld rhe the tb tum Hari Maa bhen gaand Maa rhi thi or tu apni Maa ke bil me ghus gya tha kya be
      Agli baar comment kr diya na faltu to Teri Maa Cho ddunga

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  4. Hume ek sath milkar aage aana hoga q ki nonia ke itihash ko sub koi jan sake

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    1. Me bhi nonia hu or mne jana ke nonia rajput ek hi h. Es infermation ko fb p ana chahiye taki sbhi ko hmara itihas Pta chlega

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    2. Sabhi janate hai tumhara itihaas ek tho FB sikh liye ho tum sab koe nahi manega tumsab ko Rajput..tum logo ka koe itihaas nahi hai kisi itihaas men tum sab ho nahi

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    3. Jo chauhan itihaas nen hai wo rajput hai..na ki nuniya koe bhi itihaas ki book men noniya jati dikha do..han tumhare jatiyon ke dwara likhi book men nahi..jati certificate to tum sab to rajput ka hi banwate hoge kyo..sahi kah raha hun nam.abe jo ho wahi rahi thik hai.. rajput to khud hi sabhi hinduvo ka mix blood hai..agar unse bhi niche banana hai to bano rajput.. kuch ahir bhi rajput ban gaye Aur wo sab apane ko ab rajput hi jahate hai..jadeja bhati jadaun..ye sab madharchod apane ko yaduvanshi rajput kahate hain ab ahir nahi kahate hai..

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    4. Are Hume aapne iitihas tmse nhi jaana h

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    5. Lonia ke nam se dekho itihas angrej sasan ke Bad mai hua nonia name hua be jo tum sabe chhup gayethe lonia samaj Akela larta raha thelta raha akhir khader ke bhaga hi diyahu angrejo ko

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  5. Replies
    1. Ha javo ek hokar rajputo me shadi karo mar ke rajput tum sab musaharo ko bhaga denge..

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  6. Jo asli the wo aaj nakli hai aur jo nakli the wo aaj asli hai

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  7. Government should change Noniya as Noniya Rajput otherwise we should oppose the government

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    1. Chauhan Samaj Amar Rahe, Noniya Chauhan

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    2. Han ukhad lo gaverment ka.chale ho rajput banane..nuniya ho nuniya hi raho warana sabhi jati milkar maregi aur bhi kariya ho jayegi tumhari jati

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    3. Tujhe btane ki koi jarurat nhi h ki hm kya h tu apni Maa ke bil me ghus ja bhen ke lode ham jante h ki ham kya .tere Jaime soch wale hi ek Hindu dusre Hindu ka Hak chinne me lge h Lakin aisa Muslim caste me nhi h isliy wo aaj bhi majboot h kyonki wo sb ek h tu shi me Prithviraj ka jaychand h madherchod ye comment pdhne ke baad maafi maang hmare noniya Samaj se bhaduye ki aulad

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  8. Chauhan, Noniya, Rajput Sabhi Ek Ho Jaye.

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  9. Sudr hai nuniya chuhe khate hai

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    1. Shudr to thik hai usase bhi niche hai.ab to ye khud ko rajputon ki najayaj auladen bata rahe hai..

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    2. Noniya ko sc/st me bhej dena chahiye rhe n kyo essa nji kr rhi ji enko bhi

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    3. Apna gyan apne pass rakhiye yadi aap bahas krna chahte ho to real naam se aao

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  10. ये सभी जानकारियां अपूर्ण एवं भ्रामक है तथाकथित लोग जो नोनिया जाति से है और अपनी ही जाति इतिहास का वर्णन करते है एक अंतराल के पश्चात वे लोग ही अन्य टिप्पणियां करते है और पूर्व में कही गयी बात को सिद्ध नही कर पाते ।

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  11. बार बार अलग थलग जानकारियों के कारण ही अन्य समाज के लोगो का उपहास बनते है जो अपने आपको नोनिया समाज के इतिहास का ज्ञाता मानते है वो सर्वप्रथम पुरानी बातों का साक्ष्य पूर्ण रूपेण प्रमाणिकता के साथ प्रस्तुत करें उसके पश्चात ही कोई नया जानकारी पर प्रकाश डाले।🙏🏼🙏🏼🙏🏼

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  12. मैं स्वयं नोनिया जाति से हु और अब तक अपने बड़े, बुजुर्गों और पूर्वजो से जो मौखिक इतिहास सुना हु हर बार एक नया तथ्य होता है समझ ही नही आता कि किस तथ्य को कितना सत्य माने।किसी घटना को कुछ सत्य मानने को होता है वैसे कुछ ना कुछ नयी बात को सत्य साबित करने की कोशिश की जाने लगती है । और हम दिग्भ्रमित हो जाते है ।

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    1. Apke bade ,bugurg aur purwaj kya maukhik itihas batate hai,hame batai to

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  13. नोनिया जाति भारत की मूल प्रजाति है, जो अनेको जाति ग्रूप का कुनबा होता है, यूपी का लोनिया लोनिया-चौहान विस्थापित राजपूत है, इन्ही लोगों का fb या whatsApp ग्रूपों से इतिहास उठाकर मूल नोनिया को गुमराह कर रहे हैं, कहीं पे नोनिया का जिक्र नहीं है कि वे राजपूत चौहान या अन्य राजपूत राजवंश से संबंधित हैं
    लोनिया लोनिया-चौहान से नोनिया का कोई रिश्ता नहीं, यूपी में कुछ क्षेत्रों में बोलचाल की भाषा में अशुद्ध नोनिया हो सकता है उसका बिहार झारखंड बंगाल के मूल नोनिया से कोई सारोकार नहीं, जो लिखा है वह गुमराह करके नोनिया लोगों को मरवाने पे तुला है

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    1. ९२℅नोनियां पुर्वांन्चल के राजपूत हैं ८℅मूल निवासी हैं
      यह प्रमाणित है जिनका गोत्र वत्स है वह नोनिया राजपूत हैं और बैकवर्ड में आते हैं और सम्राट् पृथ्वीराज चौहान का भी गोत्र वत्स ही है,और आठ प्रतिशत अलग हैं जो दलित में आते हैं

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  14. शोना कीचड़ में भी गिर जाय तो निकालने के बाद शोना ही रहेगा
    वैसे ही क्षत्रिय राजपूत कितना भी
    गरीब हो जाय उसके अन्दर का जज्बा
    सब बता देता है कि यह कौन सा खून है!

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  15. नोनिया चौहान का इतिहास
    खुद को पृथ्वीराज चौहान के वंशज मानता नोनिया समाज

    महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान के बारे में पूरी दुनिया जानती है, जिन्होंने आक्रमणकारी मोहम्मद गोरी के खिलाफ वीरता के साथ युद्ध किया था। नोनिया समाज (Noniya caste) के लोग खुद को इसी महान सम्राट का वशंज मानते हैं। इस समाज के लोग मानते हैं कि उन्होंने 800 से 1192 ईस्वी के बीच भारतवर्ष में मुस्लिम आक्रमणकारियों को आने से रोका। लोनिया चौहान राजपूत की बड़ी आबादी उत्तर प्रदेश में रहती है। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़, गोरखपुर, महाराजगंज और वाराणसी जिले में सबसे अधिक सघनता पाई जा सकती है।
    नोनिया समाज (Noniya caste) के लोग मानते हैं कि ये कभी उत्तर-पश्चिमी भारत के शासक रहे अजमेर के राजा सोमेश्वर चौहान की अजेय सेना का हिस्सा रहे। उस वक्त ये लोग 13-14 राजवंशों के क्षत्रिय सेनाओं में अग्निवंशी, चंन्द्रवंशी, नागवंशी और सूर्यवंशी लड़ाके के नाम से जाने जाते थे। औरंगजेब के शासन के खिलाफ भी नोनिया समाज (Noniya caste) के लंबे समय तक संघर्ष किया।

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